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 बच्चो का एक उम्र होता है जब वो खेलना और सिर्फ खेलना पसंद करते है, ये तो आपको भी बचपन में पसंद होगा, हां! अब वो बात अलग है की अब आपको वो सब याद ही नहीं होगा, और वैसे भी इस भाग दौड़ भरी जिंदगी मे किसको फुर्सत है की वो अपने बचपन की पुरानी अपने  बाते याद करे | 


पहले बच्चे का खेलने का तरीका अगल था, पहले के खेल खेलने से मानसिक से लेकर शाररिक विकाश होता था | जबकि आजकल आप लोग ही देखते होंगे बच्चे अभी पलने में ही रहते है और उन्हें मोबाइल फ़ोन बहुत पसंद आती है, तो भला वही बच्चा जब बड़ा होगा तो उन्हें क्यू नहीं मोबाइल फ़ोन में मन लगेगा | 


 यही सब का फायदा बड़ी बड़ी विडिओ गेमिंग और मोबाइल गेमिंग कम्पनीज को अच्छे तरीके से पता है जिसका वो लोग अच्छे से फायदा उठाते है, बच्चो को पूरी तरह अपनी तरफ आकर्षित कर लेते है, इससे पीछा छुड़ाना में बड़ा मुश्किल होती है | 


इसका मतलब मेरा ये बिलकुल भी नहीं है की मोबाइल फ़ोन बच्चे को इस्तेमाल करने ही न दे, न! न! ये गलती तो बिलकुल भी नहीं कीजियेगा नहीं तो बच्चे के मन में द्वेष की भावना जाग जाती है भले ही वो कुछ न बोलें, वो मन में सोचने लगते है की मम्मी/पापा तो खुद ही फ़ोन रखते है, मुझे क्यू नहीं देते है, जरूर ही वो नहीं चाहते है की मैं दुसरे बच्चो की तरह आगे बढे | जबकि अपने माता पिता ऐसा कभी भी अपने बच्चे के बारे में नहीं सोच सकते है , लेकिन बच्चे तो आखिर बच्चे है उन्हें क्या पता माता पिता कभी भी उनके बारे में गलत नहीं सोच सकते है | इसलिए बच्चो का मन मोबाइल फोन में लगे ही नहीं कुछ ऐसा करना चाहिए |



माता पिता का काम है, अपने बच्चे को सही राह दिखाना, और उनकी मानसिक से लेकर शाररिक विकाश करने में मदद करना जैसे :-

* मानसिक विकाश करने के लिए आप उन्हें अच्छी अच्छी मौखिक ज्ञान भी दे सकते है या फिर आप उन्हें किताबे पढ़ना सीखना शुरू कर सकते है अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है तो आप उन्हें अच्छी अच्छी किताबे पढ़ने के लिए दे सकते है| 

* शाररिक विकाश करने के लिए आप तो उन्हें या फिर रोज सुबह exercise करवा सकते है, छोटे मोटे खेल भी खिलवा सकते है | 


हां! अब आप लोग सोच रहे होंगे की यार इतना टाइम रहता ही हमारे पास तो ये सब सर्च ही क्यू करते, कोई आसान सा तरीका मिल जाये जिससे बांस भी नहीं काटना पड़े और बासुरी भी बन जाये मतलब आपको ज़्यदा टाइम भी ना 

देना पड़े और आप अपने बच्चो पे ध्यान भी अच्छे से रख ले | 


तो ऊपर की दो पॉइंट्स को अच्छे से एक्सप्लेन करते है :-

* मानसिक विकाश करने के लिए आप उन्हें अच्छी अच्छी मौखिक ज्ञान भी दे सकते है या फिर आप उन्हें किताबे पढ़ना सीखना शुरू कर सकते है अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है तो आप उन्हें अच्छी अच्छी किताबे पढ़ने के लिए दे सकते है | 

इस पॉइंट का मतलब पॉइंट्स में बतया गया है :- 

1. अगर आपके बच्चे बहुत छोटे है तो आप उन्हें मात्रभाषा का ज्ञान के साथ ही एक दो दूसरी भाषा का भी ज्ञान अच्छे  प्रकार से दे, जिससे की वे सभ्य तरीके  से बात करें | इसके लिए आप लैंग्वेज लर्नर फॉर चाइल्ड का हेल्प ले सकते है | 

2.जिससे वे आगे चल कर वो किताबे को अच्छे से भी पढ़ और समझ पाएंगे | इसके लिए आप ईबुक का मदद ले सकते है | 

3. सभी लोगो के बातो को अच्छे से समझ सकेंगे | इसके लिए आप लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग का मदद है | 



आजकल के समय में सभी काम टेक्नोलॉजी ने संभाल रखा है तो फिर यहाँ पे टेक्नोलॉजी क्यू न आये, ऊपर की बताई सभी पॉइंट्स की सहायता से आप अपने बच्चे का मानशिक से लेकर शारारिक विकाश  बड़े ही आसान तरीके से कर सकते है | 

* शाररिक विकाश करने के लिए आप तो उन्हें या फिर रोज सुबह exercise करवा सकते है, छोटे मोटे खेल भी खिलवा सकते है | 

1. आप अपने बच्चे को बाहर खेलने वाले खेल खेलने दे सकते है | 

2. छोटे मोटे streching exercise करने वाला सामान ला कर दे सकते है , या फिर ऑनलाइन मंगवा सकते है |  

3. अपने बच्चे से पूछे उनका मन कौन से खेल में लगता है, आप उन्हें उसी से जुडी खेल खेलवाये |

IMPORTANT NOTE :- आप अपने बच्चे को अच्छी अच्छी प्रेरणादायक कहानी (inspirational story) महान इंसान की सुना सकते है, जिससे वो और भी motivated रहेंगे और सिर्फ वो अच्छे ही काम करना पसंद करेंगे |  



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