political science,understanding and concept. - In Hindi



राजनीति विज्ञान की प्रकृति और उसके कार्य-क्षेत्र  | 
 -(राजनीतिक मीमांसा, राजनीति, और राजनीतिक सिद्धांत में अंतर | )

सामाजिक विज्ञान एक प्रकार का विज्ञान है जिसमे की हम मानवीय समाज के अनेको पहुलओं के बारे में जानते है | और इसमें मानवीय द्वारा रचित पहलुओं को बताता है जिसमे सामाजिक संस्था और और इसके गतिविधि आता है | 

अनेको विद्वानों ने इसे अलग अलग ढंग से बतया है | 

  •  जिनमे से एक विद्वान है जिनका नाम ब्लण्ट्सचलि है,जिनके हिसाब से सामाजिक विज्ञान में हम अपने समाज के बारे  में जानते है |, जिसमे की प्रयास किया गया की समाज और इसके मौलिक अधिकारों ,आवश्यक स्वरूप, इसके अगल-अलग प्रकार के अभिव्यक्ति, और विकाश के बारे में समझया जाये |
  •  बिलकुल उसी तरह एक जर्मनी के विद्वान जिनका नाम गरैंस  है, जिनका कहना है की यह एक प्रकार का सकती देती है -अपने धर्म के प्रति, आर्थिक समस्या के प्रति , इत्यादि-इत्यादि |  
  • सीली और स्टीफेन लकॉक  नाम के दो विद्वान जिनका कहना है की सामाजिक विज्ञान सरकार की नीतियों से परचित करता है | सीली का कहना है की यह सरकार के नीतियों को जाँचता और बताता है ,जैसे सामाजिक अर्थवय्वस्ता पैसो का, जीवविज्ञान इंसान के जीवन और उसके सेहत का ध्यान रखता है | 
  • वैसे ही पॉल जेनेट  नामक फ्रांस के विद्वान है जिनका कहना है सामाजिक विज्ञानं सरकार और राज्य के बारे में बताता है जिसमे वो बोले है यह राज्य की नीव तैयार करता है और सरकार किस प्रकार से काम करेगी ये भी बताता है | एक R. G. Gilechrist नाम के विद्वान उनका भी बिलकुल यही कहना है | 
  • लॉसवेल  नाम के विद्वान जिनका कहना है की यह नीतियों का विज्ञानं है जो की इसके प्रभाव को समझता है और सकती भी प्रदान करता है | रोब्सन नाम के विद्वान का कहना है यह समाज में सकती देता है | इन दो विद्वोने को माने तो सामाजिक विज्ञानं एक सकती प्रदान करने वाली विज्ञानं है | 


ऊपर के सभी विद्वानों के बातो को पढ़ने से हमे अलग अलग तरीके से सोचने का आईडीए आते है | पर इन सभी को पढ़ने के बाद ये सवाल का जबाब देना मुश्किल हो गया है की- कौन से विद्वानो की बातो को सही माने? हलाकि उनसब की बाते बिलकुल सही है पर उनमे बिलकुल सटीक उत्तर कौन बनेगी | पहले विद्वान के द्वारा बतया गया की सामाजिक विज्ञानं राज्य के बारे में बताता है जो की बहुत ही व्यापक उत्तर है | 
राज्य के बारे में बताता है  के साथ ही इसमें सरकार के बारे में भी बताता है क्योकि राज्य हमेशा तभी सही तरीके से चलती है जब उसमे एक अच्छे सरकार का गठन होया हो | एक राज्य बिना सरकार के समझ से बाहर है , बिना सरकार के राज्य चलना बहुत ही मुश्किल क्या नामुमकिन है | 



पर कुछ जगहों पे ' सरकार ' शब्द कुछ जयदा ही व्यापक हो जाता है | यह शब्द दर्शाता है की राज्य बिलकुल नियंत्रण में और नियम से चल रहा है | यह तो होना ही चाहिए की राज्य बिलकुल नियंत्रण में और नियम से चले | ऊपर की बात करे तो अगर सामाजिक विज्ञानं से हम सरकार के बारे में पढ़ते या जानते है तो अनावस्यक रूप से उसमे अनुसासन भी होगा ही | इसलिए ये मानना सही होगा ही की सामाजिक विज्ञानं राज्य के बारे में जानना | 

राजनीतिक विज्ञानं और राजनीतिक 

राजनीतिक विज्ञानं और राजनीती दोनों एक साथ उपयोग में आने वाले शब्द है | सामाजिक विज्ञानं के फादर, एरिस्टोटल ' राजनीतिक ' शब्द का इस्तिमाल राज्य की घटित घटनाओ के लिए किया जाता है | "राजनीतिक" जो शब्द है जिसका अर्थ है 'नगर राज्य'। ईसा से 500 वर्ष पूर्व नगर राज्यों को पोलिस कहा जाता था, जो की ग्रीक से लिया गया था | ग्रीक में इस शब्द का मतलब 'राज्य' और 'नगर' दोनों होता है | राजनितिक शब्द राजनैतिक पार्टी और उसके सकती को जोड़ने-तोड़ने से सम्बंधित होता | 

Post a Comment

0 Comments