कोरोना के वैक्सीन लेने से होती है मृत्यु ? कोरोना से ज्यादा खतरनाक है वैक्सीन? कोरोना किस तरह पूरे शरीर में फैलता है |

 आज इस पोस्ट के हैडिंग बड़ा ही इंट्रेस्टिंग सा है और आखिर रहे भी क्यों नहीं आज के समय में कोरोना जिस तरह अपना पैर पूरे दुनिया में फैला रहा है और लोग वैक्सीन लेना नहीं चाह रहे है , वो तो हम लोग देख ही रहे है | हमारे अपने भारत की ही बाते करे तो कोरोना की सेकंड फेज ज्यादा जाने ले रही है साथ ही पिछले साल जब इसकी फर्स्ट फेज आयी थी उसमे जितना केसे आ रहे थे , उतना तो इस साल मौते होने वाली है और हो भी रही है | पिछले साल जब इसकी फर्स्ट फेज आइ थी तो सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसेस सितम्बर के महीने में देखा गया था जो की 97-98 हज़ार थे जबकि इस साल अभी तो साल की सुरुवात के 4 महीने ही गुजरे है और कोरोना केसे की पोसिटिविटी रेट पिछले साल से दुगनी से भी ज्यादा हो गयी है जो की तक़रीबन 2 लाख से ज्यादा बतया जा रहा है | और अनुमान लगाई जा रही है की इसकी आकड़े 3.5 लाख से 4 लाख से भी ऊपर जा सकते है | और में तो कहूंगा ये अनुमान नहीं फ्यूचर की सच्चाई है क्योकि जिस तरह सभी लोग बाजार में दीखते है,जैसे की उनको कोई परवाह ही नहीं है उनको अपनी जिंदगी की |

आज इस पोस्ट के हैडिंग बड़ा ही इंट्रेस्टिंग सा है और आखिर रहे भी क्यों नहीं आज के समय में कोरोना जिस तरह अपना पैर पूरे दुनिया में फैला रहा है और लोग वैक्सीन लेना नहीं चाह रहे है , वो तो हम लोग देख ही रहे है | हमारे अपने भारत की ही बाते करे तो कोरोना की सेकंड फेज ज्यादा जाने ले रही है साथ ही पिछले साल जब इसकी फर्स्ट फेज आयी थी उसमे जितना केसे आ रहे थे , उतना तो इस साल मौते होने वाली है और हो भी रही है | पिछले साल जब इसकी फर्स्ट फेज आइ थी तो सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसेस सितम्बर के महीने में देखा गया था जो की 97-98 हज़ार थे जबकि इस साल अभी तो साल की सुरुवात के 4 महीने ही गुजरे है और कोरोना केसे की पोसिटिविटी रेट पिछले साल से दुगनी से भी ज्यादा हो गयी है जो की तक़रीबन 2 लाख से ज्यादा बतया जा रहा है | और अनुमान लगाई जा रही है की इसकी आकड़े 3.5 लाख से 4 लाख से भी ऊपर जा सकते है | और में तो कहूंगा ये अनुमान नहीं फ्यूचर की सच्चाई है क्योकि जिस तरह सभी लोग बाजार में दीखते है,जैसे की उनको कोई परवाह ही नहीं है उनको अपनी जिंदगी की |

कोरोना कैसे किसी पे हावी होता है ? और हमारे बॉडी में किस तरह से अंदर जाता है !

सबसे पहले तो ये बात हम लोगो को समझ लेना चाहिए की कोरोना कभी भी अपने आप नहीं फैलता है , ये जब भी फैलेगा तो किसी भी इन्फेक्टेड आदमी के संपर्क में आने से ही फैलेगा | इससे बचने के लिए हमे हमेशा मास्क लगाना चाहिए और 1 मीटर की दुरी बना के रहना किये किसी से भी | 

अब आते है मुद्दे की बात पे कोरोना कैसे काम करता है ? तो समझते है , जैसा की आप इस फोटो में देख रहे होंगे कोरोना का जो एक सेल(cell) होता है वह आकर में काफी छोटो और दिखने में बिलकुल ऐसा ही होता है | फोटो में जैसा की आप देख रहे होंगे , कोरोना के सेल के ऊपर नुकीली जैसी स्पाइक प्रोटीन (spike protein) बानी होती जय जिसको की s-protien नाम से फोटो में दिखया गया है | ये जो स्पाइक प्रोटीन है यही शरीर के अंदर घुसने में मदद करता है , और कोरोना के सेल के अंदर उसकी जेनेटिक (genetic) स्ट्रक्चर होती है जो अंदर जा के हमारे शरीर में बहुत सरे  जैसे कोरोना के सेल बनाना सुरु कर देते है | 

जिससे हमारी तबियत बिगड़ने लगती है , अब कोरोना की जितनी ज्यादा सेल बनेगी न उतना ही ज्यादा तबियत ख़राब होने लगता है | 

एक बात इसमें सबसे महत्पूर्ण है की अगर इसकी स्पाइक प्रोटीन ही किसी तरह जाम हो जाए या वो किसी तरह हट जाए फिर कोरोना का सेल शरीर में रहते हुए भी कुछ नहीं कर पयेगा | 

आप एक बात जान लो कोरोना का जो सेल होता है हमारे शरीर में फेफड़ा (Lungs) में ही टच कर सकता है बांकी शरीर में बिलकुल भी नहीं नुकशान पंहुचा सकता है | अब इसका मतलब ये नहीं है की हम सावधानी नहीं बरते हमलोगो तो हाथ बार बार इसलिए धोते रहना चाहिए क्योकि पता नहीं हम अपने हाथ से कूँ सी वस्तु को टच किये होंगे और फिर सायद उसमे कोरोना की सेल हो और हम हाथ से मुँह नाक आँख टच कर ले तो कोरोना को तो शरीर में एंट्री मिल ही जयेगी न | 

अब आते है फेफड़े में कैसे कोरोना एंट्री लेता है उससे जानते है | 

फेफड़ा का जो सेल होता है वो काफी नाजुक होता है , उसमे भी जो cell memberen होते है वहां से तो वो बिलकुल नहीं घुश सकता है क्योकि सेल मेम्बरेन की कुछ खासियत होती है ये कुछ खाश चीज़ो को ही अपने से एंट्री देता है जिसमे की कोरोना नहीं आता है ,इसके द्वारा सिर्फ प्रोटीन , बिटामीन बगेरा को ही जाने देता है | 

बांकी जो भी हम एक्स्ट्रा चीज़ खाते है जैसे - दवा इसके लिए वह पे एक रेसेप्टर(Recepter) लगे होते उसी से दवा जाती है ,उसी में कोरोना अपनी स्पाइक प्रोटीन को इंजेक्ट करता है और अपना जेनेटिक स्ट्रक्चर को अंदर भेजने में सफल हो जाता है क्योकि रिसेप्टर का काम ही है एक्स्ट्रा चीज़ को अंदर ले के जाना | 

उसके बाद जब ये अंडर एंट्री लेने के बाद रइबोसोम(Ribosome) नामक सेल (जिसका की काम बिलकुल एक फोटोकॉपी करने वाली मशीन जैसी है) के पास हमारे DNA से मिलते हुए पूछती है तो रिबोसोम कोरोना की ढेरो सेल्स(cells) बनाने लगती है और धीरे धीरे हमारे फेफड़ा में फैलने लगता है फिर हमारा इम्यून सिस्टम (Immune


system) को जैसे ही सिग्नल पूछता है कोरोना के मल्टीपल होने का वह तुरंत ही उन सभी कोरोना के सेल्स को मरना सुरु कर देता है इसी वजह से हमे भुखार आते है ताकि कुछ गर्मी से भी मर सके , हमारा शरीर खुद अपने आप को इसीलिए गर्म कर देता है और उधर हमारा इम्यून सिस्टम तो ख़त्म कर ही रहा है | लेकिन फिर भी ये जल्दी मरता ही नहीं है | 

फिर इम्यून सिस्टम को सिग्नल मिलता है की ये  आसानी से नहीं ख़त्म हो सकता है | इसलिए उसके बाद हमारा इम्यून सिस्टम एंटीबाडी बनाना शुरू करता है ताकि वो जो कोरोना का स्पाइक प्रोटीन फेफड़ा के रेसेप्टर से जुड़ गया था उसके कनेक्शन को तोड़ सके , स्पाइक प्रोटीन से जुड़ कर | 

ये सब प्रोसेसस होने के लिए इम्यून सिस्टम में एंटी बॉडी बनने के जितनी ज्यादा क्षमता होगी उतना अच्छा है क्योकि कोरोना की एक सेल में बहुत सारा स्पाइक प्रोटीन होता है अगर एक भी खुला रह गया तो तबियत बिगार्ने लगती है | इसलिए हम लोग अक्सर सुना करते है जिसकी इम्यून सिस्टम अच्छी होगी उसका शरीर उतना अच्छे से कोरोना से लड़ेगा | 

इसी सब को देखते हुए साइंटिस्ट लोग वैक्सीन के जरिये हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने की प्रोटीन देते है |  मुख्यतः वैक्सीन का मैन काम बस इम्यून सिस्टम  को मजबूत करे जिससे बहुत एंटीबाडीज बनना सुरु हो और कोरोना के प्रभाव को शरीर पर काम करे | बांकी इसको विस्तार से नीचे के टॉपिक में समझते है | 



कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा काम करती है ?और कौन सी वैक्सीन हमलोगो लो लेना चाहिए !

देखिये पहली बात तो वैक्सीन हम सभी को लेना चाहिए , ये हमारे फायदे के लिए ही है , कुछ लोग तो वैक्सीन नहीं लगवाने को लेकर अजीबो गरीब बाहियात बाते करते है जैसे उन लोगो को लगता है की - 

  • उनका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत है उनेह कुछ नहीं होगा इसलिए वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है | लेकिन ये बिलकुल गलत बात है उनलोगो से मैं बोलना चाहूँगा की आप खुद सोचो क्या आप कोई महामानव तो हो नहीं जो कुछ होगा ही नहीं , चलो मैं मान लिया आपकी इम्म्युंसिस्टम बहुत अच्छी है फिर भी आप वैक्सीन ले लो इसमें दिक़्क़त क्या है , न कोई साइडइफेक्ट होती है इससे बस थोड़ा सा बुखार आती है जो की नार्मल है , इसको भी में नीचे समझने जा रहा हूँ क्यू आती है भुखार वैक्सीन लेने के बाद | 
  • कुछ लोगो को तो ऐसा लगता है की वैक्सीन सरकार सब को मारने के लिए दे रही है , तो बिलकुल भी ऐसा नहीं है आप खुद सोचो क्या कोई भी सरकार अपने ही जनता को मरना चाहएगी क्या ? नहीं क्योकि जो उनको जिताने वाली है उसी को क्यों मारेगी | 
  • कुछ और लोगो की बात करे तो उनको लगता है, वैक्सीन में कोरोना से भी ज्यादा हानिकारक virous है | तो ऐसा कुछ भी नहीं है आपको बस पूरी बात पता नहीं है इसलिए आप वैक्सीन लेने से इंकार रहे हो | लेकिन कोई बात नहीं यहाँ पे अभी सब यानि पूरी बात बताता हूँ | 

 
आप खुद सोचो न वैक्सीन निकलने में इतना समय क्यों लग गया जब इनलोगो के मुताबिक वैक्सीन , कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है तो , कोई भी खतरनाक सेल ले लेते तुरंत बना देते है न | 
इतना समय बस इसलिए लगा क्योकि देखिये हम लोग के सेल में DNA पाया जाता है और कोरोना के सेल में RNA और हमारे सइंटीस्टे अभी उतना डेवेलॉप नहीं हुए है की RNA को आसानी से पता कर सके तो जैसे ही उनको virous में RNA का पता चला वो तुरंत उसमे केमिकल बगेरा डाल के बहुत कमजोर कर दिए कोरोना के RNA को ताकि हमारी शरीर इसको आसानी से मार सके | ताकि जब ये आपके शरीर में जाए तो आपका एंटीबॉडीज तुरंत मार दे ,जिससे इम्यून सिस्टम को अभ्यास हो जाए कोरोना से लड़ने का बिलकुल उसी तरह जैसे की आपकी जब एग्जाम होने वाली रहती है तो आप खूब सारी sample paper , model paper बनाते हो न की एग्जाम में खूब अच्छी तरह से एग्जाम जाए | 
उसी वैक्सीन(covaxin) के साथ में प्रोटीन के जरिये एंटीबॉडीज बढ़ा दी जाती है | 

क्या होगा अगर हम वैक्सीन नहीं लेंगे तो ? 
देखिये अभी सरकार जबरदस्ती किसी को वैक्सीन तो देगी नहीं क्योकि उसके पास अभी वैक्सीन की थोड़ी कमी है | और ये आपका मानवी अधिकार है की आप जैसे रहना चाहते हो रहे , लेकिन ये बात आप भी जान लो जब आपकी तबियत कोरोना के वजह से ख़राब होगी न तो उस वक़्त आप सोचोगे काश ! वैक्सीन ले लेता तो इतना मुसीबत नहीं होती , या फिर आप उस समय सोचोगे वैक्सीन लेना पर कोई फयदा नहीं होगा चाहे आप कितना भी पैसा दे कर वैक्सीन ले लो क्योकि वैक्सीन के दोनों डोज़ का कुछ समय बतया गया है , उतना समय बाद ही वैक्सीन काम करेगा | 
और एक बार जैसा की मैंने कहा ऊपर के लाइन में- "आपका मानवीय अधिकार है आपकी मर्जी आप वैक्सीन लो या नहीं लो | "  तो समझ लीजिये अगर देश पे बात आती है न तो सरकार को मानवी अधिकार से कोई लेना देना नहीं रहता है | इसमें भी आप खुद देखो न मास्क लगाना या नहीं लगाना अपनी मर्जी से था लेकिन अब जरा बिना मास्क लगाए थोड़ा प्रशासन के पास से जाइये और उनको अपना मानवी अदिकार समझिये वो अच्छे से बतयेंगे आपका अधिकार | 



ये सब छोटी सी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने पहचान में share करे जिससे सब कोई अपनी अधूरी जानकारी को पूरी करें | 
धन्यबाद

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